Description
बिस्तर से दफ्तर तक हृदय से आसमान तक और चुप्पी से लेकर नारेबाजी तक का सफर तय करने वाली स्त्री आज भी सोचने विचारने और स्त्री दिवस मनाने का ही नाम बनकर रह गई है। जहां एक ओर स्त्री विमर्श पर ढेरों किताबें लिखी जा रही हैं वहीं दूसरी ओर महिला दिवस का विज्ञापन अखबारों में अपनी जगह ढूंढ़ने का वर्षभर इंतजार करता रहता है। तब किसी समाज को देश को खबर लगती है कि स्त्री का भी मत है उसका भी मन है उसकी भी आकांक्षाएं हैं उसको भी सम्मानित करना है। यह पुस्तक स्त्री की सामाजिक व मानसिक दशा में आए परिवर्तनों को रेखांकित करती है तो वैदिक युग से वैज्ञानिक युग तक की उसकी यात्रा को भी दर्शाती है। इतना ही नहीं यह पुस्तक स्त्री के वास्तविक रूप को उसकी क्षमताओं सीमाओं और संभावनाओं के साथ उकेरती है।
Details
Publisher - Prabhakar Prakashan Private Limited
Language - Hindi
Perfect Bound
Contributors
By author
Shashikant 'Sadaiv'
Published Date - 2021-05-05
ISBN - 9788194415190
Dimensions - 21.6 x 14 x 1.1 cm
Page Count - 192
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